आओ बस एक मुलाकात करते हैं
कुछ बेतुकी पर ज़रूरी सी बात करते है
तुमने कुछ ना कहा मैंने वो सब सुना
तुम्हारे साथ चलने को हर रास्ता चुना
जब तुमने साथ दिया, मैने निभाया
और जब ना दिया, तो मैंने इंतज़ार चुना
तुम्हारी मुस्कुराहट को अपना माना
तुम्हारी हंसी को अपनी शायरी
तुम्हारे होंठो को अपना जाम चुना
तुम्हारी आंखों में अपना वो पसंदीदा गीत सुना
अब तो आ जाओ
की अब तो आ जाओ
आओ बस एक मुलाकात करते हैं
कुछ बेतुकी पर ज़रूरी सी बात करते हैं
मेरी खुशी में तुम थे कभी
मेरी हंसी की वजह तुम थे कभी
मेरे ज़ख्मों पे मरहम तुम थे कभी
मेरे कुर्ते की सिलवटों पे तुम थे कभी
मेरे लफ्ज़ों का रास्ता था तुम तक
मेरा हर ठिकाना जा रुकता तुम तक
मेरी इबादत में छुपा खुदा तुम थे
मुझे मालूम न था की जुड़कर भी मुझसे जुदा तुम थे
आ जाओ
आ जाओ अब बस एक मुलाकात करते हैं
कुछ बेतुकी पर ज़रूरी बात करते हैं।।
This beautiful poetry that touches the deepest corner of your heart has been written by "Imperfect Linker," aka Anuradha. However, what she has written here does not seem from anywhere that she is not perfect😄😄. I love her writing and if you also love these lines, then drop your comment below;-
5 Comments
Word best describes the poet is silent killer ❤️❤️❤️
ReplyDeleteThis really touched the deepest corner of ��
ReplyDeleteLove from www.indiashorts.blogspot.com
ReplyDeleteDangerr.................
ReplyDeleteJust loved it....
ReplyDeletespread the love😊
@Kumar Shivam....